
राम मंदिर के शिलान्यास में उन्होंने ही पहली ईंट रखी थी, कामेश्वर चौपाल
दिल्ली, (खौफ 24) श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अयोध्या के न्यासी और बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य कामेश्वर चौपाल का 6 फरवरी 2025 को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में 68 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली।
कामेश्वर चौपाल का राम मंदिर आंदोलन से गहरा जुड़ाव रहा। 1989 में 9 नवंबर को राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में उन्होंने ही पहली ईंट रखी थी, जिससे उनका नाम पूरे देश में चर्चित हो गया। वे उस समय विश्व हिंदू परिषद के बिहार के सह-संगठन मंत्री के रूप में अयोध्या में मौजूद थे। संतों ने पहले से ही तय किया था कि शिलान्यास की पहली ईंट किसी दलित व्यक्ति द्वारा रखवाई जाएगी, लेकिन कामेश्वर चौपाल को इस निर्णय की जानकारी नहीं थी। जब उन्हें यह सम्मान दिया गया, तो यह उनके लिए भी एक अप्रत्याशित संयोग था।
कामेश्वर चौपाल को संघ ने “प्रथम कारसेवक” का दर्जा दिया था। उन्होंने “रोटी के साथ राम” का नारा दिया, जो व्यापक रूप से लोकप्रिय हुआ। 2020 में, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में उन्हें बिहार से प्रतिनिधित्व मिला।
राजनीति में भी वे लंबे समय तक सक्रिय रहे। 2004 से 2014 तक वे बिहार विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) रहे। हालांकि, उन्होंने बखरी (सु.) विधानसभा व सुपौल लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली।
उनका जन्म बिहार के कमरेल ग्राम , सुपौल जिले में हुआ था, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की। वहीं, वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए। उनके एक शिक्षक संघ के कार्यकर्ता थे, जिनकी सहायता से उन्होंने कॉलेज में प्रवेश लिया। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे संघ के प्रति पूर्णतः समर्पित हो गए और उन्हें मधुबनी जिले का जिला प्रचारक नियुक्त किया गया।
कामेश्वर चौपाल का जीवन हिंदुत्व, सामाजिक समरसता और राम मंदिर आंदोलन को समर्पित रहा। उनका योगदान भारतीय राजनीति और सांस्कृतिक जागरण में महत्वपूर्ण माना जाता है।
वर्तमान में विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष व दक्षिण बिहार प्रांत के अध्यक्ष के रूप में कार्य देख रहे थे।ये जानकारी ने दी अखिलेश सुमन प्रचार प्रसार प्रमुख विश्व हिंदू परिषद दक्षिण बिहार